साहित्य संगम संस्थान अब व्हाट्सएप पर भी मंच बनाएंगे ।

विश्व न्यूज़ , कोलकाता
दिनांक :- 20/03/2021 
दिवस :- शनिवार


साहित्य संगम संस्थान अब व्हाट्सएप पर भी मंच बनाएंगे ।


साहित्य संगम संस्थान अब व्हाट्सएप पर भी मंच बनाएंगे , जिसके लिए कल रविवार , 21 मार्च 2021 को एक मीटिंग का आयोजन किया गया है , उसके बाद साहित्य संगम संस्थान व्हाट्सएप मंच से भी साहित्य की सेवा करेंगे ।

*साहित्य संगम संस्थान*

(व्हाट्स ऐप मंच बनाने की इच्छुक प्रदेश इकाइयों को दिशा-निर्देश)


व्हाट्स ऐप की लोकप्रियता और बहुत से लोगों के द्वारा फेसबुक न एक्सेस कर पाने व पदाधिकारियों की मांग पर प्रदेश इकाइयां अधोलिखित बातों को ध्यान में रखते हुए गठित करने की अनुमति प्रदान की जाती है- 



१- व्हाट्सऐप में केवल उन्हीं लोगों को जोड़ा जाए जो फेसबुक एक्सेस नहीं कर पाते। जो फेसबुक में पहले से हैं उन्हें व्हाट्सऐप में बिलकुल न जोड़ा जाए। बल्कि कोई व्हाट्सऐप से फेसबुक में जाना चाहे तो उसे फेसबुक इकाई में जोड़कर व्हाट्स ऐप से मुक्त कर दें।


२- व्हाट्स ऐप मंच पर केवल प्रदेश के लोगों को ही जोड़ा जाए। अन्य प्रदेशों के लोगों को जोड़ने की अनुमति नहीं है। 
(प्रदेश निर्धारण का आधार 'आधार' होगा) 

३- प्रदेश इकाई के सभी पदाधिकारियों के साथ केंद्रीय इकाई का एक सदस्य/पदाधिकारी जो प्रदेश इकाई पदाधिकारियों के सर्वथा अनुकूल हो वहां जोड़ा जाए और अध्यक्ष, सचिव के साथ मुख्य इकाई के प्रतिनिधि को व्हाट्स ऐप में एडमिन बनाया जाए। केवल तीन लोग ही एडमिन होंगे।


४- व्हाट्स ऐप का पूरा का दायित्व प्रदेश सचिव महोदय पर होगा। उसी प्रकार फेसबुक मंच का संपूर्ण दायित्व अध्यक्ष महोदय का होगा। 

५- जो विषय और विधा फेसबुक पर होगी वही व्हाट्सऐप पर भी होगी जिसकी नियमित रूप से सचिव महोदय व्यवस्था करेंगे/कराएंगे। 
 
६- व्हाट्स ऐप पर सप्ताह में एक दिन सम्मान पत्र प्रदान किए जाएंगे। जिन पर प्रदेश अध्यक्ष-सचिव व प्रमाणन अधिकारी के साथ केंद्रीय इकाई के पदाधिकारी का हस्ताक्षर वैधानिक माना जाएगा। 


७- प्रदेश इकाइयों को किसी भी प्रकार से किसी कार्य के लिए किसी निजी खाते में राशि जमा करवाने का कठोर निषेध किया जाता है। हां कोई भी किसी भी प्रकार की सहयोग राशि जमा कराना चाहता है तो केंद्रीय इकाई के प्रकाशन विभाग के खाते में राशि जमा करा सकता है। 


८- फेसबुक का कार्यक्रमों आयोजनों का विज्ञापन व्हाट्स ऐप पर किया जा सकता है। पर व्हाट्स ऐप के कार्यक्रमों का विज्ञापन फेसबुक पर न किया जाए।


९- व्हाट्स ऐप मंचों पर जब कोई विशेष आयोजन हो तो केद्रीय इकाई व प्रदेश इकाई के केवल पदाधिकारी ही उनकी अनुमति प्राप्त कर जोड़े जाएं न कि आम सदस्य। किसी को बिना अनुमति कहीं भी कतई नहीं जोड़ना। 


१०- व्हाट्स ऐप रीसेट होने के बाद कोई सदस्य/रचनाकार किसी से रचना नहीं मांगेगा।

११- सभी व्हाट्स ऐप मंचों पर भी साहित्य संगम संस्थान के नियम लागू होंगे। जो संस्थान के नियमों का उल्लघंन करेगा उसे संस्थान का अंग नहीं माना जाएगा।


मंथन 
साहित्य संगम संस्थान


रोशन कुमार झा , साहित्य संगम संस्थान , पश्चिम बंगाल इकाई ( सचिव )


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